एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) एक वित्तीय निवेश साधन है जो
बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा प्रदान किया जाता है। इसमें निवेशक एक निश्चित अवधि के लिए अपनी धनराशि जमा करते हैं और उस पर एक पूर्व निर्धारित ब्याज दर प्राप्त करते हैं। एफडी की कुछ मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- निश्चित ब्याज दर: एफडी पर ब्याज दर जमा के समय ही तय होती है और वह अवधि के अंत तक स्थिर रहती है।
- परिपक्वता अवधि: एफडी की अवधि 7 दिनों से लेकर 10 साल तक हो सकती है। निवेशक अपनी आवश्यकता के अनुसार अवधि चुन सकते हैं।
- ब्याज भुगतान: ब्याज का भुगतान मासिक, तिमाही, वार्षिक या अवधि के अंत में किया जा सकता है, जो कि निवेशक की पसंद पर निर्भर करता है।
- जोखिम: एफडी को एक सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है क्योंकि इसमें बाजार के उतार-चढ़ाव का जोखिम नहीं होता है।
- कर लाभ: कुछ एफडी में कर छूट का लाभ भी मिलता है, जैसे कि 5 साल की टैक्स-सेविंग एफडी, जिस पर धारा 80सी के तहत कर छूट मिलती है।
- अर्ली विदड्रॉअल: एफडी को परिपक्वता से पहले भी निकाला जा सकता है, लेकिन इसके लिए कुछ जुर्माना (पेनल्टी) देना पड़ सकता है।
एफडी में निवेश करने से पहले ब्याज दरों और शर्तों को ध्यान से समझना जरूरी है, ताकि आप अपने निवेश से अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकें।
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज निम्नलिखित होते हैं:
पहचान प्रमाण (ID Proof):
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- वोटर आईडी
- ड्राइविंग लाइसेंस
- पासपोर्ट
पते का प्रमाण (Address Proof):
- आधार कार्ड
- पासपोर्ट
- बिजली बिल (हाल का)
- टेलीफोन बिल (हाल का)
- बैंक स्टेटमेंट या पासबुक (हाल का)
- पैन कार्ड:
पैन कार्ड अनिवार्य होता है। यदि आपके पास पैन कार्ड नहीं है, तो आप फ़ॉर्म 60/61 जमा कर सकते हैं।
पासपोर्ट साइज फोटो:
पासपोर्ट साइज की कुछ फोटो भी आवश्यक हो सकती हैं।
अन्य दस्तावेज:
यदि आप नाबालिग हैं, तो अभिभावक का पहचान और पते का प्रमाण भी देना होगा।
कुछ बैंकों में, आपको FD की शुरुआत करने के लिए अपने मौजूदा बैंक खाते का विवरण भी देना पड़ सकता है।
यह दस्तावेज बैंक द्वारा मांगे जा सकते हैं, लेकिन कुछ विशेष मामलों में बैंक अतिरिक्त दस्तावेज भी मांग सकते है।
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