विकलांग कार्ड क्या होता है?
विकलांग कार्ड (Disability Certificate या Divyangjan ID Card) एक आधिकारिक दस्तावेज़ होता है, जिसे भारत सरकार द्वारा विकलांग व्यक्तियों को जारी किया जाता है। इस कार्ड का उद्देश्य विकलांगता की पहचान और प्रमाणीकरण करना है, ताकि विकलांग व्यक्तियों को सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का लाभ मिल सके।
यह कार्ड विकलांग व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक, श्रवण, या दृष्टि से संबंधित अक्षमता को प्रमाणित करता है। इसके आधार पर उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं, नौकरियों, शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवाओं में विशेष लाभ और आरक्षण प्राप्त होता है।
विकलांग कार्ड के लिए आवेदन करने के लिए, व्यक्ति को एक सरकारी अस्पताल या अधिकृत मेडिकल बोर्ड द्वारा अपनी विकलांगता का मूल्यांकन करवाना होता है। इसके बाद, सरकार द्वारा निर्दिष्ट प्रक्रिया के तहत कार्ड जारी किया जाता है।
- दृष्टिहीनता (Blindness)
- कम दृष्टि (Low vision)
- कुष्ठ रोग से मुक्त व्यक्ति (Leprosy cured person)
- श्रवण बाधित (Hearing impairment)
- बोलने और भाषा में विकार (Speech and language disability)
- बौद्धिक विकलांगता (Intellectual disability)
- स्वायत्तता (Autism spectrum disorder)
- न्यूरोलॉजिकल परिस्थितियों के कारण होने वाली विकलांगता (Neurological disabilities)
- मनो-सामाजिक विकलांगता (Mental illness)
- मल्टीपल स्क्लेरोसिस (Multiple sclerosis)
- सिकल सेल रोग (Sickle cell disease)
- थैलेसीमिया (Thalassemia)
- हीमोफिलिया (Hemophilia)
- पार्किंसन रोग (Parkinson’s disease)
- एसिड अटैक के कारण विकलांगता (Disability due to acid attack)
- मल्टीपल विकलांगता (Multiple disabilities)
इन श्रेणियों में आने वाले व्यक्तियों को सरकार की ओर से विशेष अधिकार और सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।
भारत में विकलांगता प्रमाणपत्र (Disability Certificate) प्राप्त करने की प्रक्रिया निम्नलिखित है।
1. आवेदन पत्र प्राप्त करें:
आप अपने निकटतम सरकारी अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) या ज़िला अस्पताल में जाकर विकलांगता प्रमाणपत्र के लिए आवेदन पत्र प्राप्त कर सकते हैं। यह ऑनलाइन भी उपलब्ध हो सकता है, जिसे आप राज्य सरकार की वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं।
2. दस्तावेज़ तैयार करें:
आवेदन पत्र के साथ निम्नलिखित दस्तावेज़ संलग्न करने होंगे:
- पहचान प्रमाण (जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी)
- निवास प्रमाण (राशन कार्ड, पासपोर्ट आदि)
- विकलांगता का प्रमाण (मेडिकल रिपोर्ट, अगर उपलब्ध हो)
- दो पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ्स
3. मेडिकल जांच:
आपको मेडिकल जांच के लिए सरकारी अस्पताल में जाकर संबंधित विशेषज्ञ डॉक्टरों से परीक्षण कराना होगा। यह जांच आपके विकलांगता के प्रकार और गंभीरता की पुष्टि के लिए होती है।
4. प्रमाणपत्र जारी:
मेडिकल बोर्ड द्वारा विकलांगता की पुष्टि के बाद, अस्पताल द्वारा विकलांगता प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। यह प्रमाणपत्र आपको सरकारी सेवाओं और सुविधाओं में लाभ उठाने में मदद करेगा।
5. UDID कार्ड के लिए आवेदन (वैकल्पिक लेकिन अनुशंसित):
आप राष्ट्रीय विकलांग पहचान पत्र (Unique Disability ID - UDID) के लिए भी आवेदन कर सकते हैं। यह प्रमाणपत्र पूरे भारत में मान्य होता है और इसे ऑनलाइन आवेदन करके प्राप्त किया जा सकता है।
6. आवेदन की स्थिति की जांच:
यदि आपने UDID के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है, तो आप इसकी स्थिति को वेबसाइट पर जाकर ट्रैक कर सकते हैं।
अन्य जानकारी:
- प्रक्रिया में 15 से 30 दिन तक का समय लग सकता है, इसलिए धैर्य रखें।
- कुछ राज्यों में यह प्रक्रिया ऑनलाइन भी की जा सकती है, इसलिए अपने राज्य की वेबसाइट को चेक करें।
आपका विकलांगता प्रमाणपत्र प्राप्त होने के बाद, आप सरकारी योजनाओं, सेवाओं और सब्सिडी के लिए आवेदन कर सकते हैं जो विकलांग व्यक्तियों के लिए आरक्षित हैं।
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